पुस मसान्त नजिकिँदै गर्दा नै बैंक तथा वित्तीय संस्थाहरूको खराब कर्जा वृद्धि भएर धेरैको पाँच प्रतिशतमाथि पुग्ने प्रक्षेपण बैंकरहरूले गर्दै आएका थिए।
सोमबारसम्म अधिकांश बैंक तथा वित्तीय संस्थाहरूले वित्तीय विवरण सार्वजनिक गरिसकेका छन्।
यसले पनि यो क्षेत्रमा खराब कर्जा बढ्ने क्रममा वृद्धि नै भइरहेको देखाएको छ।
गत आर्थिक वर्ष २०८०–८१ को दोस्रो त्रैमाससम्ममा ४५ बैंक तथा वित्तीय संस्थाहरूको खराब कर्जा औसत ४.७२ प्रतिशत रहेकोमा चालु आर्थिक वर्षको दोस्रो त्रैमासमा यस्तो अनुपात बढेर ७.०७ प्रतिशत पुगेको छ।
दोस्रो त्रैमासमा वाणिज्य बैंकहरूको खराब कर्जा औसत ३.२७ प्रतिशत रहेकोमा चालु आर्थिक वर्ष २०८१–८२ मा औसत ४.३३ प्रतिशत पुगेको छ।
१६ मध्ये वित्तीय विवरण प्रकाशित गरेका १२ विकास बैंकहरूको औसत खराब कर्जा ५.६ प्रतिशतबाट बढेर अहिले ८.५२ प्रतिशत पुगेको छ।
त्यस्तै, वित्त कम्पनीहरूको औसत खराब कर्जा ६.१५ प्रतिशत रहेकोमा बढेर ९.७७ प्रतिशत पुगेको छ।
बढ्दो खराब कर्जाले बैंकहरूको नाफा नै घट्ने अवस्था समेत देखियो। बैंकिङ क्षेत्रमा सबैभन्दा ठूलो हिस्सा राख्ने वाणिज्य बैंकहरूको नाफा औसतमा ४.६६ प्रतिशतले घटेर २७ अर्ब ३६ करोडमा सीमित भएको छ।
बैंकहरूको दोस्रो त्रैमासको नाफा रकम करोडमा | खराब कर्जा |
बैंक | पुस ०८१ | पुस ०८० | फरक प्रतिशत | पुस ०८१ | पुस ०८० |
सिद्धार्थ बैंक | ५३ | ११३ | -५३ | ४.५ | २.५६ |
राष्ट्रिय वाणिज्य बैंक | ७६ | २०१ | -६२ | ४.९६ | ३.९५ |
एभरेष्ट बैंक | २०७ | १७१ | २१ | ०.६६ | ०.७७ |
ग्लोबल आइएमइ | ३०५ | २०४ | ४९ | ४. ८६ | ४.६८ |
कुमारी बैंक | २७ | ८६ | -६८ | ६ .९६ | ४. ९७ |
नेपाल इन्भेष्टमेन्ट मेगा बैंक | २८३ | १८० | ५७ | ५.८६ | ४.७५ |
प्रभु बैंक | १३३ | ७२ | ८४ | ५.०६ | ४.९ |
एनआईसी एशिया बैंक | १५ | १९० | -९२ | ४.६१ | १.१९ |
लक्ष्मी सनराइज बैंक | ११६ | १०५ | १० | ५.६७ | ४.६७ |
हिमालयन बैंक | १५१ | १५० | १ | ४.९८ | ४.९५ |
एनएमबि बैंक | २०० | १३७ | ४५ | ३.९६ | २.८४ |
सानिमा बैंक | ११९ | ११३ | ५ | ३.२२ | १.७२ |
नेपाल एसबिआइ बैंक | ९० | ८४ | ७ | ३.५५ | २.२९ |
माछापुच्छ्रे बैंक | ८० | ८० | | ४.५४ | २.६ |
सिटिजन्स बैंक | ६६ | ७८ | -१५ | ४.८५ | ४.०७ |
नेपाल बैंक | ४६ | ५९ | -२२ | ४.९९ | ४.५ |
कृषि विकास बैंक | ९५ | १३५ | -२९ | ४.९ | ३.०२ |
प्राइम कमर्सियल बैंक | १८६ | २१८ | -१४ | ४.९६ | ४.०७ |
स्टयाण्डर्ड चार्टर्ड बैंक | १६४ | १७४ | -५ | १.७१ | १.६ |
नबिल बैंक | ३२४ | ३२० | १ .२५ | १.७ | १.२ |
कुल नाफा | २७३६ | २८७० | -४.६६ | ४.३३ | ३.२७ |
धेरै वित्त कम्पनीहरूमा पनि सुधार देखिन सकेको छैन। समग्र विकास बैंकहरूको नाफा भने २१ प्रतिशतले बढेर दुई अर्ब ६२ करोड रूपैयाँ पुगेको छ।
खराब कर्जा बढ्ने र संस्थागत सुशासनमा समस्या समेत देखिएको कारण हालै मात्र राष्ट्र बैंकले कर्णाली विकास बैंकलाई समस्याग्रस्त नै घोषणा गरेर व्यवस्थापन सम्हाल्यो। केही वित्त कम्पनीहरूमा निगरानी समेत बढाएको छ।
तर, बाहिर जस्तो भाष्य निर्माण भएको छ त्यही अनुसार वित्त कम्पनीहरूमा समस्या नरहेको नेपाल वित्तीय संस्था संघका अध्यक्ष तथा आइसिएफसी फाइनान्सका प्रमुख कार्यकारी अधिकृत सुनिल पन्त बताउँछन्।
'अहिले समग्र बैंकिङ प्रणाली नै खराब कर्जाको कारण दबाबमा छ,' पन्तले भने, 'वित्त कम्पनीहरू जसमा समस्या देखिए तिनमा संस्थागत सुशासन नभएको भन्ने कुरा पनि आएको छ, त्यसैले खराब कर्जाकै कारण संस्थाहरू समस्याग्रस्त भइरहेका भने होइनन्।'
अर्थतन्त्रमा सुधार नदेखिँदा र कर्जा असुली हुन नसक्दा बैंकहरूमा खराब कर्जा बढिरहेको हो। त्यसबाहेक खराब कर्जामा परेका मुद्दा मामिलाका कारण ती गैर बैंकिङ सम्पत्तिमा आएका छैनन्। यसले गर्दा यस्ता सम्पत्ति बिक्री गर्न पाइएको छैन।
धितो बिक्री गरेर उठाउन नसकिएकोले पनि खराब कर्जा बढिरहेको पन्तले बताए।
फाइनान्सहरूको दोस्रो त्रैमासको नाफा रकम करोडमा | खराब कर्जा |
फाइनान्स | पुस ०८१ | पुस ०८० | फरक प्रतिशत | पुस ०८१ | पुस ०८० |
श्री इन्भेष्टमेन्ट फाइनान्स | १ | ३ | -४५ | ३.७१ | १.९४ |
रिलायन्स फाइनान्स | -०.०१ | -०.००५ | ८५ | १४.३१ | ४.९६ |
प्रोग्रेशिभ फाइनान्स | ९ | १० | -१५ | ७.५७ | १२.४५ |
पोखरा फाइनान्स | -६५ | २ | | ३३.४४ | ४.७६ |
नेपाल फाइनान्स | २ | १ | १४७ | १०.५ | १०.५२ |
मल्टि पर्पस फाइनान्स | २ | १ | ७९ | ५.४५ | १.४८ |
मञ्जु श्री फाइनान्स | ११ | १० | १० | ३.८६ | ३.५ |
आइसिएफसि फाइनान्स | १० | ५ | १०० | ३.०७ | २.२१ |
गोर्खाज फाइनान्स | ० | १२ | -९८ | १४.४२ | १३.७३ |
गुहेश्वरी मर्चेन्ट फाइनान्स | -२ | -६७ | | ८.१८ | ६.४५ |
गुडविल फाइनान्स | १ | २ | -५० | ६.७७ | ५.२३ |
सेन्ट्रल फाइनान्स | ० | -४ | | ११.९४ | ९.४४ |
बेष्ट फाइनान्स | -१ | १ | | ३.८६ | ३.३२ |
कुल नाफा/औसत | | | | ९.७७ | ६.१५ |
निर्माण व्यवसायीलाई कर्जा तिर्न यसअघि दिइएको भाका हटाएकोले पनि बैंक तथा वित्तीय संस्थाहरूमा खराब कर्जा बढ्न पुगेको हुनसक्ने पूर्व बैंकर भुवन दाहाल बताउँछन्। पछिल्लो समय राष्ट्र बैंकले कर्जा पुनरतालिकीकरण र पुनर्संरचनामा पनि कडाइ गरेकोले पनि खराब कर्जा नघटेको देखिन्छ।
पछिल्लो समय कर्जा लगानीमा विस्तार हुँदै गएकोले अर्थतन्त्रमा क्रमिक रूपमा सुधार आउन थालेको देखिन्छ। यसले खराब कर्जामा पनि सुधार आउन सक्ने अपेक्षा बैंकरहरूको छ।
एनएमबी बैंकका प्रमुख कार्यकारी अधिकृत तथा नेपाल बैंकर संघमा पूर्वअध्यक्ष सुनिल केसीले भने, 'पछिल्लो समय निक्षेपको तुलनामा कर्जाको विस्तार उच्च देखिन थालेको छ, यसले आर्थिक क्रियाकलाप बढ्न थालेको संकेत गर्न थालेको देखिन्छ।'
राष्ट्र बैंककै तथ्यांकले गत साउनदेखि मंसिरसम्म निजी क्षेत्रतर्फ गएको कर्जा ३.५ प्रतिशतले र निक्षेप संकलन भने २.७ प्रतिशतले बढेको देखिएको छ।
पछिल्लो समय सरकारले व्यावसायिक वातावरण बनाउन अध्यादेशमार्फत् संशोधन गरेका विभिन्न आर्थिक ऐनमा निजी क्षेत्रले खुलेरै प्रशंसा गरिरहेको छ। यसले पनि व्यवसायीहरूको आत्मविश्वास बढ्न थाल्ने र यसले आर्थिक क्रियाकलापमा सुधार हुँदै जाने बैंकरहरूको विश्वास छ।
आर्थिक क्रियाकलाप बढ्दै जाँदा कर्जा असुलीमा पनि सुधार हुँदै जाने सम्भावना छ। तर, यसको लागि भने केही समय लाग्न सक्छ।
विकास बैंकहरूको दोस्रो त्रैमासको नाफा रकम करोडमा | खराब कर्जा |
विकास बैंक | पुस ०८१ | पुस ०८० | फरक प्रतिशत | पुस ०८१ | पुस ०८० |
सिन्धु विकास बैंक | ४ | २ | १०० | ९.०६ | १.०५ |
साइन रेसुङ्गा डेभलपमेन्ट बैंक | ३३ | ३७ | -११ | ४.४ | २.६२ |
सांग्रिला डेभलपमेन्ट बैंक | १९ | १० | ९० | ४.९९ | ४.८९ |
नारायणी डेभलपमेन्ट बैंक | -१ | -६ | | ४३.६९ | २७.७५ |
मुक्तिनाथ विकास बैंक | ५० | ४२ | १९ | ४. | २.५१ |
महालक्ष्मी विकास बैंक | २८ | २७ | ४ | ४.९३ | ४.२१ |
लुम्बिनी विकास बैंक | १४ | २१ | -३३ | ४.६८ | ३.५५ |
कामना सेवा विकास बैंक | ३२ | २५ | २८ | ४.३५ | ३.४२ |
ज्योति विकास बैंक | २७ | ६ | ३५० | ४.९८ | ४.८८ |
ग्रीन डेभलपमेन्ट बैंक | १ | १ | -३१ | ४.८८ | ४.७ |
गरिमा विकास बैंक | ५४ | ५१ | ६ | ४.७२ | २.९५ |
कर्पोरेट डेभलपमेन्ट बैंक | १ | १ | १० | ७.५३ | ४.६६ |
कुल नाफा/औसत | २६२ | २१७ | २१ | ८.५२ | ५.६ |